Objective

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के उद्देश्य।

  • जज्बाती, सम्प्रदायिक मुद्दों के विपरीत पसमांदा को रोज़ी रोटी, शिक्षा और उनके अन्य सामाजिक मुद्दों के लिए तैयार करना और बहुसंख्यक समाज से सामंजस्य बनाकर अपने इन सामाजिक मुद्दों को हल करने का प्रयास करना जिससे कि उनका धार्मिक ध्रुवीकरण रोका जा सके।
  • सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए पसमांदा में राजनैतिक चेतना के विकास के लिए प्रयास करना।
  • शासन, सत्ता और विभिन्न राजनैतिक एवं गैर राजनैतिक संगठनों में पसमांदा की आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी सुनिश्चित कराने के लिए प्रयास करना।
  • केंद्रीय एवं राजकीय संस्थानों में पसमांदा की मुनासिब हिस्सेदारी के लिए ओबीसी कोटे में वर्गीकरण हेतु प्रयास करना।
  • संविधान के अनुच्छेद 341 पर लगी मजहबी पाबंदी हटवाने अर्थात दलित मुसलमानो और दलित ईसाइयों को एससी की सूची शामिल कराने हेतु निरंतर प्रयासरत रहना।
  • संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति की सूची में अलग- अलग राज्यों में हिन्दू आदिवासियों के समकक्ष मुस्लिम जातियों को केंद्रीय एवं राज्य सूची में शामिल कराने का प्रयास करना।
  • अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों जैसे एएमयू, जामिया आदि में पसमांदा की आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी के लिए, पसमांदा का आरक्षण लागू कराने का प्रयास करना। जिससे कि पसमांदा के प्रवेश और नियुक्तियों में अवसर सुनिश्चित हो सकें।
  • अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय, अल्पसंख्यक आयोग, उर्दू अकादमी, मदरसा बोर्ड, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड जैसे संवैधानिक अयोगो में पसमांदा की आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी के लिए प्रयासरत रहना।
  • अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा आवंटित बजट एवं नियुक्तियों में अल्पसंख्यक पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की आबादी के अनुपात में आरक्षण व्यवस्था लागू कराने का प्रयास करना ताकि पसमांदा एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के पिछड़े, आदिवासी और दलितों के सामाजिक सुधार के अवसर बढ़ सकें।
  • पसमांदा समाज की अलग- अलग बिरादरियों की पारंपरिक पेशों से संबंधित समस्याओं को समय-समय पर सरकार को अवगत कराना एवं उनके निराकरण हेतु सरकार से मांग करना।
  • पसमांदा समाज की अलग अलग बिरादरियों के पारंपरिक व्यवसायों प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योंजनाओं के बारे जागरूकता पैदा करना और उनका लाभ पसमांदा समाज तक पहुंचाने का प्रयास करना।
  • पसमांदा समाज की पेशे से जुड़ी जातियों की समस्याओं के समाधान एवं उनके उत्थान के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों से पसमांदा आयोग के गठन की मांग करना।