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ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम मंहाज़ ने की पसमांदा आयोग बनाने की मांग-

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देश के प्रधानमंत्री द्वारा पसमांदा मुसलमानों के कल्याण की बात एवं अपनी पार्टीजनों से उनके बीच जाकर काम करने की नसीहत ने देश की राजनीति को गरमा दिया है। एक तरफ जहां भाजपा आगामी आम चुनाव को ध्यान में रखकर पसमांदा मुसलमानों को चुनावी रणनीति में सम्मिलित कर रही है वही विपक्ष इसे महज़ मुसलमानों को बांटने वाली राजनीति बताकर इसका सिरे से खंडन कर रहा हैं। यहां उल्लेखनीय है कि देश की कुल जनसंख्या में मुसलमानों की जनसंख्या लगभग 20% है जिसमें पसमांदा मुसलमानों की संख्या 80% बताई जाती है जो लगभग 80 -90 जातियों एवं उप जातियों में विभाजित हैं।भाजपा कहती है कि पसमांदा मुसलमानों की इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में उनकी उपस्थिति लगभग नगण्य है। ऐसे में यदि सत्ताधारी पार्टी होने के नाते पसमांदा मुसलमानों के कल्याण की बात कही जा रही है तो इसमें बुराई क्या है? उधर पसमांदा मुसलमानों के कल्याण के हितों के लिए संघर्षरत सामाजिक संगठन ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ ने कहा कि हम देश के प्रधानमंत्री द्वारा पसमांदा मुसलमानों के हितों के लिए लिये गए निर्णय का स्वागत करते हैं एवं मांग करते हैं किं केंद्र सरकार, केन्द्र एवं अन्य सभी राज्यों में पसमांदा आयोग का गठन कर पसमांदा मुसलमानो के कल्याण हेतु सबका साथ सबका विकास एवं सवके विश्वास का परिचय दे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद यूनुस ने कहा कि पसमांदा आयोग एवं भाजपा संगठन में पसमांदा मोर्चा का गठन पसमांदा मुसलमानों के सर्वांगीण विकास का सर्वाधिक हितकारी माध्यम होगा। बैठक में संगठन के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद अकरम कुरैशी, राष्ट्रीय प्रवक्ता शमीम अनवर अंसारी, प्रदेश अध्यक्ष शमीम अंसारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाइस्ता अख्तर शमशाद राईन, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शोऐव इदरीसी आदि पसमांदा कार्यकर्ता गण उपस्थित थे