दिल्ली के जंतर मंतर पर मुसलमानों को केंद्रित कर धर्म संसद के नाम पर उनके विरुद्ध अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर यहाँ तक कि उन्हे गोली मार देने के बयान देश की कानून व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती वने हुये हैं ऐसे बयान जानवूझ कर ऐसे समय में दिए जा रहे हैं जब भारत जी-20 जैसे महत्वपूर्ण आयोजन की तैयारी में लगा है जिसकी थीम लाइन वसुधैव कुटुंबकम है। सामाजिक संगठन ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद यूनुस ने इस बयान पर चिंता व्यक्त करते हुए झ्से सांप्रदायिक सौहार्द के विरुद्ध बताकर बयान देने वालों के विरुद्ध यूएपीए के अंतर्गत कार्रवाई करने की मांग की है। आगे कहा कि देश संविधान से चल रहा है एवं आगे भी चलता रहेगा। राजनीतिवश जानबूझकर कानून जेव में रखने वालों को यह स्मरण होना चाहिए कि देश का उच्चतम न्यायालय पहले भी इस संबंध में प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दे चुका है कि इस प्रकार की घटनाओं के विरुद्ध यदि तहरीर नहीं आती है तब भी प्रशासन इसका स्वत संज्ञान लेकर दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करें । यदि ऐसा नहीं होता है तो इसे न्यायालय की अवमानना माना जाएगा।