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आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने रामचरितमानस की प्रतियों को जलाये जाने की निंदा की

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विश्वकाव्य की अमूल्य निधि रामचरितमानस की प्रतियों को जलाकर राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के निंदनीय चलन की जितनी भी निंदा की जाए उतनी कम इसलिए है क्योंकि ऐसा कर ओबीसी महासभा के लोग न केवल विश्वकाव्य की पवित्रता का अपमान कर रहे हैं बल्कि देश में रह रहे उन करोड़ों पवित्र आस्थाओं का भी अपमान कर रहे हैं जिनके अंतःकरण में रामचरितमानस देश की आदर्श जीवनधारा के रूप में व्याप्त है। उक्त विचार देश में वंचित उपेक्षितों के कल्याण के लिए संघर्षरत संगठन ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद यूनुस ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा संगठन रामचरितमानस की प्रतियों को जलाकर विरोध प्रकट करने के अव्यवहारिक एवं अपरंपरागत तरीके की कड़े शब्दों में निंदा करता है। संगठन ने कहा कि किसी भी धर्म की धार्मिक आस्था की पुस्तक को जलाकर विरोध प्रकट करना न न केवल उस ग्रंथ की पवित्रता का अनादर करना है बल्कि ऐसा कर संबंधित धर्म के अनुयाइयों की पवित्र आस्था का भी अपमान करना है। संगठन ने कहा की विश्व में प्रत्येक धर्म के अनुयाई को अपने धर्मानुसार आचरण कर अपने पवित्र ग्रंथों की रक्षा एवं उसके संरक्षण का अधिकार प्राप्त है, लेकिन राजनीतिवश पवित्र ग्रंथों का अनादर करना राष्ट्रीय शर्म से कम नहीं है।