आल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ (रजि0) (सामाजिक संगठन) कार्यशाला विषय- पसमांदा मुसलमानो की समस्याएं, उपलब्धियां एवं चुनौतियां। स्थान - प्रेस क्लब, हजरतगंज, लखनऊ, उ0प्र0 दिनांक- 30 अक्टूबर 2022, समयः 11:00 to 5:00 PM गतिविधि आख्या सामाजिक संगठन आल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ द्वारा उक्त वर्णित स्थान पर “पसमांदा मुसलमानो की समस्याए, उपलब्धियां एवं चुनौतियां“ विषयक कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। जिसमें संगठन के सात राज्यो एवं लगभग 25 जनपदों के राष्ट्रीय, प्रदेश एवं जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारीगण, बुद्धिजीवीगण, शिक्षाविद, अधिवक्तागण, पसमांदा कार्यकर्ता एवं अन्य पसमांदा संगठनो के जनप्रतिनिधिगण, मीडिया बंधूगण इत्यादि ने सहभाग लिया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय दानिश आजाद अंसारी, राज्य मंत्री, उ0प्र0 सरकार एवं उर्दू एकेदमी उ0प्र0 के अध्यक्ष माननीय कैफुलवरा अंसारी आमंत्रित थे लेकिन माननीय मुख्यमंत्री उ0प्र0 के साथ व्यस्तता के कारण दोनो लोगो ने दूरभाष के माध्यम से कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि उ0प्र0 सरकार पसमांदा मुसलमानो के आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक हितो के लिए सदैव उनके साथ खड़ी है। विशिष्ट अतिथि के रूप में अनजुमन इस्लामिया (रांची झारखंड) के अध्यक्ष श्री मुख्तार अहमद एवं भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के अरबी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर मसूद आलम फलाही ने भी कार्यशाला को संबोधित किया। मंच पर उपस्थित समस्त गणमान्य जन को पगड़ी पहनाने के साथ साथ सहभागिता प्रमाण पत्र इत्यादि देकर सम्मानित किया गया। कार्यशाला में उपस्थित संगठन के समस्त राष्ट्रीय, प्रदेश एवं जिला स्तर के पदाधिकारी गण को संगठन के सदस्यता अभियान हेतु रसीद बुक भी वितरित की गई। साथ साथ सभी को कम से कम 100 सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया। कार्यशाला का उद्देश्य- कार्यशाला का मुख्य उददेश्य संगठनात्मक स्तर पर राष्ट्रीय, प्रदेश एवं जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारीगण के बीच पारस्पिरिक समन्वय एवं उनके द्वारा गठित कार्यकारिणी का विवरण, संगठन का विस्तार, (जिसमें मुख्यता प्रशासनिक, न्यायिक, बुद्धिजीवी, शिक्षाविद एवं मीडिया के व्यक्तियों को अधिकतम दायित्व देने पर बल) के अतिरिक्त पसमांदा मुसलमानो की व्यवहारिक समस्याओं उपलब्धियां एवं आगामी चुनौतियों के बारे में विस्तार से चर्चा कर पसमांदा मुसलमानों को जीवन की मुख्य धारा में जोड़ने के प्रति जागरूक किया जाना था। उनके सामाजिक राजनीतिक एवं आर्थिक पिछड़ेपन के कारणो का पता लगाकर उनके निदान हेतु चर्चा भी कार्यशाला के उद्देश्यो में सम्मिलित था। कार्यशाला के उपरांत सामाजिक प्रभाव- कार्यशाला का आयोजन पूर्व मे वर्णित उद्देश्यो के लिए किया गया था। जिसमें मुख्यतः पसमांदा मुसलमानो की 64 जातियों मे से लगभग 25 जातियां/वर्ग/समूहो के उपस्थित जनप्रतिनिधिगण ने मंच के माध्यम से अपने समाज की समस्याओ उपलब्धियो एवं चुनौतियो के सम्बन्ध मे विस्तृत चर्चा कर अपना पक्ष रखा। कार्याशाला के माध्यम से संगठन अपनी कार्यशैली, भावी योजनाओ एवं पसमांदा मुसलमानो की समस्याओ के निराकरण के उपायो को उपस्थित जनप्रतिनिधियो के माध्यम से देश के सात राज्यो एवं लगभग 25 जनपदो मे जनजागरण स्थापित करने मे सफल रहा। कार्यशाला के माध्यम से संगठन मुस्लिम समाज के वंचित, उपेक्षित एवं उदासीन समूहो/वर्गो में अपना फैसला अपना सम्मान - 85 प्रतिशत पसमांदा की अब यह पहचान की भावना जागृत करने में सफल रहा। कार्यशाला मे उपस्थित जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य व्यक्तियो ने पसमांदा मुसलमानो को उनके भविष्य के बारे में स्वंय फैसला लेने हेतु भी प्रेरित कर उन्हे संख्या के आधार पर फैसला लेने हेतु एकता के सूत्र में बंधकर रहने की प्रेरणा देने मे सफल रहा। प्रस्ताव- कार्यशाला में अन्त में संगठन की ओर से पसमांदा मुसलमानो के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक उन्नयन हेतु सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पसमांदा मुसलमान अब अपना फैसला अपना सम्मान- 85 प्रतिशत पसमांदा की अब यह पहचान नारे को चरितार्थ करने हेतु सामूहिक रूप से संगठन का विस्तार राष्ट्रीय स्तर पर करंगे एवं उनकी समस्याओ के निराकरण हेतु उनका प्रत्येक स्तर पर सहयोग कर संविधान की भावना के अनुरूप जीवन की मुख्य धारा में जोड़ा जायेगा तथा यह भी प्रस्ताव पारित किये गये कि पूजा का स्थान (स्पेशल प्राविधान) ऐक्ट, 1991 को संविधान की नौवी सूची में शामिल करना, समस्त देश के पिछड़ी जातियों के सर्टिफिकेट सभी राज्यो में एक समान होना तथा अनुच्छेद 341 (1) के अनुसार धार्मिक प्रतिबंध को समाप्त करने के लिए आंदोलन रत हुआ जाएगा। सभी पसमांदा जातियों के बीच रोटी-बेटी का सम्बन्ध, दहेज प्रथा का अन्त मदरसो में आधुनिक पाठ्यक्रम स्थापित करना, प्रत्येक जिला में गोलमेज सम्मेलन आयोजित करना का भी प्रस्ताव पारित हुआ। अन्ततः सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ कि अब देश के 85 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान अपने सम्मान, स्वाभिमान एवं ज्ञान को अर्जित करने की लड़ाई मिल जुलकर स्वंय लडे़गे और लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी बात रखने के लिए अपने जनप्रतिनिधि चुनकर स्वंय विधायिका एवं संसद में भेंजेंगे। अन्त में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री परवेज़ हनीफ की अध्यक्षता में संगठन के सभी पदाधिकारी गण ने राष्ट्रगान के बाद सभी आगंतुक गण का कार्यशाला में सहभाग लेने के लिए हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कार्यशाला की समाप्ति की घोषणा की। आभार- संगठन की ओर से भारत सरकार को प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी का पसमांदा मुसलमानो को अनुसूचित जाति का दर्जा दिये जाने विष्यक अनुच्छेद 341 (3) में धार्मिक प्रतिबंध को हटाने के सम्बन्ध में आयोग गठित करने, पसमांदा मुसलमानो को राजनीतिक व्यवस्था में आगे लाने एवं सरकारी योजनाओ में उन्हे लाभार्थी बनाने हेतु हृदय से आभार व्यक्त किया गया है। साथ साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी का भी अपनी सरकार में पसमांदा मुसलमान माननीय दानिश अंसारी जी का मंत्री पद का दायित्व देने के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया एवं अभी तक पसमांदा मुसलमानो की सुरक्षा संरक्षा, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य इत्यादि में बराबर का सम्मान दिये जाने हेतु भी आभार व्यक्त किया।