*सपने वो नहीं जो हम सोते हुऐ देखते हैं। सपने वो है जो हमे सोने नहीं देते।* अद्वितीय प्रतिभा के धनी थे मीज़ाइल मैन 15 अक्टूबर के दिन को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है । 15 अक्टूबर 1931 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति मीज़ाइल मैन के नाम से सुविख्यात महान वैज्ञानिक परम आदरणीय श्री अबुल फाख़िर जैनुलआब्दीन अबुल कलाम का जन्म रामेश्वरम, तमिलनाडु के एक साधारण अंसारी परिवार में हुआ था।पिताजी मछुआरों को किराए पर नाव देने का काम करते थे| कलाम साहब ने किशोरावस्था में समाचार पत्र बेचकर परिवार का सहयोग किया था| आप आरम्भ से ही बड़े प्रतिभावान छात्र रहे हैं| 8 वर्ष की आयु में कलाम साहब 4:00 बजे उठ जाते थे और गणित की शिक्षा के लिए निकल पड़ते थे| उनके कथनानुसार उनके पांचवी के कक्षा के अध्यापक सुब्रमण्यम अय्यर हर बार 5 बच्चों को नि:शुल्क गणित की शिक्षा देते थे परंतु बिना नहाए आने वाले बच्चों को नहीं पढ़ाते थे| वह अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने और एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में जाने का सारा श्रेय अपने गुरु सुब्रामेनियम अय्यर को देते हैं| कौन जानता था की विशाग्र बुद्धि का यह प्रतिभावान बालक आगे चलकर विश्व विख्यात वैज्ञानिक और भारत का राष्ट्रपति बनेगा? उन्होंने अपने लक्ष्य के अनुरूप भौतिक विज्ञान की पढ़ाई की और ग्रेजुएशन करने के बाद मद्रास इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिक इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की| इसके बाद उन्होंने रक्षा अन्वेषण व विकास अनुसंधान में वैज्ञानिक के रूप में काम किया| वर्ष 1969 में इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन में भारत के पहले देसी सैटलाइट मिज़ाइल एसएलवी-3 के परियोजना निदेशक के तौर पर सम्मिलित हुए| भारत में बैलिस्टिक मिज़ाइल की उन्नति में उनका योगदान स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा| सर्वप्रथम 1974 के परमाणु बम प्रयोग में उनकी महती भूमिका ने संपूर्ण विश्व में उन्हें मीज़ाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध करा दिया| वह वर्ष 1992 से 1997 तक रक्षा मंत्रालय के रक्षा सलाहकार रहे| वह भारत के वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे| 1982 में उन्हें डीआरडीएल का निदेशक बनाया गया| उस समय के रक्षा मंत्रालय के रक्षा सलाहकार वीएस अरुणांचलम के साथ मिलकर ऐन्टी ग्रेड गाइडेड मिसाइल का खाका तैयार किया| देसी मीज़ाइलों की उन्नति के लिए बनाई गई कमेटी का उन्हें मुखिया बनाया गया| अटल बिहारी वाजपेई के शासनकाल में पोखरण में परमाणु बम का तजुर्बा किया गया तो इससे कलाम साहब भारत को परमाणु हथियार बनाने वाले देशों की सूची में भारत को सम्मिलित कराने में सफल हुये| कलाम साहब की सेवाओं को देखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 1981 में पदम भूषण व1997 में भारत रत्न से उन्हें सम्मानित किया| 2002 की 18 जुलाई को पक्ष- विपक्ष के सहयोग से 90% के भारी बहुमत से उन्हें भारत का राष्ट्रपति चुना गया| राष्ट्रपति के रूप में भी वह अपनी सादगी, ईमानदारी और निश्छल स्वभाव के कारण जनता के राष्ट्रपति कहलाए| राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के बाद भी उन्होंने सक्रिय जीवन बिताया और जनता व देश की सेवा में समर्पित रहे| एक बार एक अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में उनका आजमगढ़ शुभ आगमन हुआ तो हम लोग उन्हें इसलिए देखने गए कि हम आने वाली नस्लों से यह कह सकें कि हमने कलाम साहब को देखा है| उनकी सूक्तियां जैसे "स्वप्न वह नहीं जो सोते में देखा जाए, स्वप्न तो वह है जो आपको सोने न दे"| इसी तरह उन्होंने कहा कि अगर "तुम किसी काम में असफल होते हो तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि तुमने काम को मन से नहीं किया"| यह भी कहा करते थे कि यदि "सूरज की भांति चमकना चाहते हैं तो सूरज की तरह जलना होगा" आदि| उनकी सूक्तियां मानव जाति के लिए सदैव प्रेरणा दायक रहेंगी| उन्हें लगभग 30 से अधिक विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई है| वह कई महत्वपूर्ण पुस्तकों के लेखक भी हैं| उन्होंने अपनी हर पुस्तक में अपने को 'लर्नर' अर्थात सीखने वाला लिखा है| मेघालय की राजधानी शिलांग में बच्चों के एक कार्यक्रम के दौरान हृदयाघात के कारण 27 जुलाई 2015 को उनका निधन हो गया| उस दिन देश ने अपना बहुमूल्य हीरा रखो दिया| वह एक महान शिक्षक भी थे| छात्रों से उनका बड़ा लगाव रहता था| वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने उनकी सेवाओं को देखते हुए उनके सम्मान में उनके जन्मदिवस को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाने का का निर्णय लिया| आज भारत के अतिरिक्त विदेशों में भी कलाम साहब का जन्म दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है| हम उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर /अल्लाह से दुआ करते हैं कि वह उन्हें जन्नत में भी श्रेष्ठम दर्जे में आसीन करे| आमीन एपीजे अब्दुल कमाल द्वारा लिखी गई किताबों की सूची निम्नलिखित है द्रव यांत्रिकी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में विकास (ए पी जे अब्दुल कलाम और रोडम नरसिम्हा) भारत 2020: नई सहस्राब्दी के लिए एक विजन (एपीजे अब्दुल कलाम, वाई.एस. राजन) विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी (एपीजे अब्दुल कलाम, अरुण तिवारी) इग्नाइटेड माइंड्स: अनलीशिंग द पावर विदिन इंडिया (एपीजे अब्दुल कलाम) चमकदार चिंगारी (ए पी जे अब्दुल कलाम) मिशन इंडिया (एपीजे अब्दुल कलाम, मानव गुप्ता की पेंटिंग्स) प्रेरक विचार (एपीजे अब्दुल कलाम) अदम्य आत्मा (एपीजे अब्दुल कलाम) एक सशक्त राष्ट्र की कल्पना (ए पी जे अब्दुल कलाम ए शिवथनु पिल्लई के साथ) यू आर बॉर्न टू ब्लॉसम: टेक माई जर्नी बियॉन्ड (एपीजे अब्दुल कलाम और अरुण तिवारी) महत्वपूर्ण मोड़: चुनौतियों के माध्यम से एक यात्रा (एपीजे अब्दुल कलाम) टारगेट 3 बिलियन (एपीजे अब्दुल कलाम और सृजन पाल सिंह) माई जर्नी: (शीर्षक து ் - तमिल) सपनों को कार्यों में बदलना (एपीजे अब्दुल कलाम) ए मेनिफेस्टो फॉर चेंज: ए सीक्वल टू इंडिया 2020 (एपीजे अब्दुल कलाम और वी पोनराज) अपना भविष्य बनाएं: स्पष्टवादी, प्रेरक (एपीजे अब्दुल कलाम) राज किया: एक उज्जवल भविष्य के लिए वैज्ञानिक रास्ते (एपीजे अब्दुल कलाम और सृजन पाल सिंह) पारगमन: प्रमुख स्वामीजी के साथ मेरे आध्यात्मिक अनुभव (ए पी जे अब्दुल कलाम अरुण तिवारी के साथ) एडवांटेज इंडिया: फ्रॉम चैलेंज टू अपॉर्चुनिटी (एपीजे अब्दुल कलाम और सृजन पाल सिंह) बायोग्राफी ऑफ एपीजे अब्दुल कलाम - इटरनल क्वेस्ट: लाइफ एंड टाइम्स ऑफ डॉ. कलाम, एस चंद्रा द्वारा, 2002 - राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, आर के प्रुथी, 2002 - ए.पी.जे.अब्दुल कलाम: द विजनरी ऑफ इंडिया, के भूषण और जी कत्याल, 2002 - द कलाम इफेक्ट: माई इयर्स विथ द प्रेसिडेंट बाय, पीएम नायर, 2008 - ए लिटिल ड्रीम (डॉक्यूमेंट्री फिल्म), पी. धनपाल 2008 - एफआर ए.के. जॉर्ज द्वारा माई डेज विद महात्मा अब्दुल कलाम, 200