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पक्ष हो या विपक्ष दोनों में पसमांदा हितैषी बनने की लगी होड़ः यूनुस

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पसमांदा समाज को अहसास ए कमतरी का शिकार नहीं होना चाहिए। परवेज़
हमारे आइकाॅन आसिम बिहारी, कय्यूम अंसारी जैसे लोगः शारिक अदीब

लम्बे समय से पिछड़े मुसलमानों के लिये काम कर रहे सामाजिक संगठन आॅल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने दिनाक 17/11/2023,9 PM पर जूम मीटिंग का आयोजन किया, जिसका विषय था ‘पसमांदा आन्दोलन का भारतीय मूल के पसमांदा समाज पर प्रभाव‘ इस आयोजन पर संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुहम्मद यूनुस ने कहा कि ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ सिर्फ सामाजिक संगठन ही नही है बल्कि एक विचारधारा है
लक्ष्य-राष्ट्रवादी भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज को देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में अन्य विकसित समाज के समानांतर स्थापित कर उनको राष्ट्र की मुख्यधारा में जोड़ना।
उद्देश्य- राष्ट्रवादी भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज को उनके प्रबल राजनीतिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रतिद्वंदी अशराफ़ समाज के वर्चस्व एवम् षड्यंत के विरुद्ध जागरूक एवं सचेत कर उन्हें लोकतांत्रिक व्यवस्था में भागीदार बनाकर  संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों एवम् कर्तव्यों के प्रति जागरूक कर उनमे शैक्षिक सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक सोच उत्पन्न कर उनके सतत् विकास हेतु कार्य करना तथा राष्ट्र निर्माण में उन्हे  भागीदार बनाकर समग्र विकास की ओर अग्रसर करना है उन्होने कहा कि। आॅल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज देश के 12 राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व हरियाणा में पसमांदा मुसलमानों के हक की लड़ाई सफलतापूर्वक लड़ रहा है, जिसका असर प्रदेश की राजनीति में साफ देखने को मिल रहा है। पसमांदा आन्दोलन का प्रभाव पसमांदा मुस्लिम समाज के साथ साथ राजनीतिक दलों , समामजिक संगठनों एवम् धार्मिक  समूहोँ पर भी पड़ा है। अब पक्ष हो या विपक्ष दोनों में पसमांदा हितैषी बनने की होड़ लगती दिख रही है। उन्होने कहा कि ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने एक बड़ी लकीर खींच दी है इस लिए बहुत सारे संगठन ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ की नकल करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ ने कहा कि हम सभी को ये जानकर खुशी होनी चाहिऐ कि हम सभी के सामूहिक प्रयास से हमारा संगठन कुछ ही समय में देश के सामाजिक क्षेत्र, राष्ट्रीय, प्रदेश एवं जिला मीडिया में विमर्श का विषय बन चुका है। यहां उल्लेखनीय है कि संगठन को संचालित करने के लिये आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता होती है। अभी तक के प्रयासों में संगठन कुछ लोगों के व्यक्तिगत आर्थिक सहयोग से ही संचालित हो रहा है। अतः यहां कहने का आशय यह है कि यदि संगठन की राष्ट्रीय, प्रदेश, जिला कार्यकारिणी एवम् अन्य सद्स्यगण भी संगठन संचालन हेतु आंशिक आर्थिक योगदान करें तो हम लोग कम समय में अच्छे परिणामों को प्राप्त कर सकते हैं। अतः सर्वसम्मति से विचार आया है कि निम्नलिखित सारिणी के अनुसार पदाधिकारीगण प्रति माह आर्थिक सहयोग करने का कष्ट करें।
1. राष्ट्रीय कार्यकारिणी (पदाधिकारीगण)- रूपया 500/- प्रति माह
2. प्रदेश कार्यकारिणी (पदाधिकारीगण) रूपया 200/- प्रति माह
3. जिला कार्यकारिणी (पदाधिकारीगण) एवम् अन्य रूपया 100/- प्रति माह 
किसी भी संगठन को चलाने के लिये पैसों की आवश्यकता होती है, जिसका हम लोगों को ही इंतेजाम करना है। इसके लिये उन्होंने तमाम पदाधिकारियों से संगठन को और मजबूती देने के लिये फाइनेन्शियल सपोर्ट करने की बात कही। संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष शारिक अदीब अंसारी ने कहा हमारे आइकाॅन आसिम बिहारी, कय्यूम अंसारी जैसे लोग हैं, जिन्होंने पसमांदा आन्दोलन को जन्म दिया और पूरे देश को बताया कि मुसलमानों में भी जातियां हैं जो बहुत ही पिछड़े हुए हैं, उन्होंने कहा कि हमारे पसमांदा आइकाॅन आसिम बिहारी की पुण्यतिथि 06 दिसम्बर को है उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर हम अटाला, प्रयागराज में फातिहाख्वानी व चादरपोशी कर उन्हें श्रद्धांजलि देकर उनके किये गये कार्यों पर विचार गोष्ठी करेंगे।इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवम् दिल्ली के प्रदेश प्रभारी नफीस मंसूरी ने दिल्ली, पटना /झाखंड में कार्यालय बनाने का प्रस्ताव रखा। ।
वहीं संगठन के उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष हाजी नेहाल अंसारी ने इस जूम मीटिंग में संगठन के पदाधिकारियों से कहा संगठन को मजबूती देने के लिये सदस्यता अभियान चलाना बहुत ही जरूरी है, जिसकी निर्धारित फीस 10/-प्रति व्यक्ति है। बिहार प्रदेश के महासचिव शब्बीर अंसारी ने कहा है कि व्हाट्सएप ग्रुप्स पर गैर ज़रूरी बातों से सबको बचना चाइए। झारखण्ड के प्रभारी श्री शफकत हुसैन ने सबका शुक्रिया अदा किया।