आर्थिक स्वतंत्रता एवम् समानता

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आर्थिक स्वतंत्रता एवम् समानता

  • आर्थिक स्वतंत्रता एवम् समानता का अर्थ किसी भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज की उस स्थिति से है, जिसमें सभी पसमांदा बिरादरियों को समान अधिकार या प्रतिष्ठा मिले। भारत का संविधान भी कहता है कि हर किसी को एक समान अधिकार एवम् अवसर मिलने चाहिए। इसके तहत सुरक्षा, मतदान का अधिकार, भाषण की स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता, संपत्ति का अधिकार, सामाजिक वस्तुओं एवं सरकारी सेवाओं पर समान पहुंच आदि आते हैं। सामाजिक समानता में स्वास्थ्य की समानता, आर्थिक समानता व अन्य सामाजिक सुरक्षा के अलावा समान अवसर व समान दायित्व भी आता है। वास्तव में ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ का यही मत है कि पसमांदा समाज के हर व्यक्ति को समान महत्व दिया जाए तथा आर्थिक एवं सामाजिक समानाता के अवसर दिए जाए । आर्थिक स्वतंत्रता एवम् समानता की अवधारणा का अर्थ अलग-अलग सामाज के लोगों के लिए अलग-अलग है परन्तु भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज के संदर्भ में बिलकुल भिन्न है। पसमांदा मुस्लिम समाज की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार पसमांदा मुस्लिम समाज की आर्थिक स्थिति एससी एसटी से भी बदतर है।

    ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने आगामी दिनों में हर ज़िले में भारतीय मूल की हर पसमांदा बिरादरी की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार एवम सरकारों द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं से लाभान्वित करने का लक्षय रखा है। इस से भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज की दयनीय स्थिति में सुधार होगा।