भारतीयता एवम संविधान के प्रति समर्पित होना।

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भारतीयता एवम संविधान के प्रति समर्पित होना।

  • भारतीयता से तात्पर्य उस विचार या भाव से है जिसमें भारत से जुड़ने का बोध होता हो या भारतीय तत्वों की झलक हो या जो भारतीय संस्कृति से संबंधित हो। भारतीय मूल का पसमांदा मुस्लिम समाज भारत देश की मिट्टी की उपज है। पसमांदा मुस्लिम समाज के पूर्वज और हिन्दुओं के पूर्वज एक ही है। भारतीयता के अनिवार्य तत्त्व हैं - भारतीय भूमि, जन, संप्रभुता, भाषा एवं संस्कृति। भारतीय जीवन मूल्यों से निष्ठापूर्वक जीना तथा उनकी सतत रक्षा ही सच्ची भारतीयता की कसौटी है। संयम, अनाक्रमण, सहिष्णुता, त्याग, औदार्य (उदारता), रचनात्मकता, सह-अस्तित्व, बन्धुत्व आदि प्रमुख भारतीय जीवन मूल्य हैं और ये सभी मूल्य भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज में पाए जाते हैं।

    भारतवर्ष के प्रत्येक व्यक्ति में मन में ‘भारतीय’ होने का भाव जितना अधिक होगा वे अपना भला बुरा भारत की उन्नति में देखेंगे। उनकी किसी गतिविधि से भारत का अहित होगा तो वे नहीं करेंगे। भारत की शिक्षा व्यवस्था ऐसी हो कि प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति अपने आप को भारत का एक अंश, भारत माता का पुत्र माने। ऐसी स्थिति आने पर कोई भी राजनेता जाति, पंथ, भाषा, क्षेत्र आदि के नाम पर देश को नहीं बांट सकेगा।

    इस प्रकार 85%भारतीय मूल का पसमांदा मुस्लिम समाज भारत देश का मूल निवासी है और देश हित में हमेशा तत्पर है। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ देश की एकता, अखंडता एवम संप्रभुता के लिए कार्य करेगा और देश के हित को अपना हित समझते हुए आगे बढ़ेगा।